Monday, June 13, 2011

सिविल सर्विस की प्रारंभिक प्रवेश परीक्षा और बहु चर्चित CSAT २०११

अब सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा हो चुकी है . हमे बहुत दिनों से CSAT के नाम से डराया जाता रहा है . कभी नयी किताब तो कभी नयी कोचिंग तो कभी कभी लगा की भाई अगर यह सब एक साहित्य के विद्यार्थी को आता होता तो हम साहित्य ही क्यों लेते , हम भी सफ़ेद कोट पहन कर लाल - पीले रंगों से खेलते हुए यह बताने मे जुट जाते की Aspatame चीनी से २०० गुना मीठा होते हुए भी २०० गुना महंगा क्यों नहीं है |

csat मे दस तो प्रकरण थे और उन दस अनुच्छेदों पर कम से कम ३०-३५ सवाल थे. अनुच्छेदों को पढने मे ही १/२ घंटे का समय लग गया .ऐसा प्रतीत हो रहा था की यह परीक्षा मेरी पढने की गति को जांचने के लिए बनायीं गयी है.आज कल वैसे भी तेज़ गति से पढने वालो की प्रशासनिक सेवा मे बहुत जरूरत है, लोगो की शिकायते वैसे तो आम तोर से सीधे कूड़ेदान मे जाती है . अब कम से कम इस बात की तो तसल्ली रहेगी की कूड़ेदान मे जाने से पहले किसी ने पढ़ा तो सही, करवाई हुई ना हुई पर सुनवाई तो हुई|

एक सवाल के तो बनाने का कारण ही समझ मे नहीं आया . उस सवाल मे त्रिकोण गिनने को कहा गया था . अगर यह तर्क शक्ति से सम्बंधित सवाल था तो मुझे सवाल बनाने के पीछे का तर्क समझ नहीं आया | त्रिकोण गिनने के लिए या तो CAT / या बैंक PO की कोचिंग से गुर लेने होते है या फिर जैसे सब गिनते है वैसे ही गिनना होगा . यह तो मुझे भी पता है की, UPSC कोचिंग को बढ़ावा नहीं देती तो फिर मै यह सोचता हूँ की शायद वो मेरी १ तो १०० तक गिनने के कला को परख रहे थे.

मै पेपर-१ से पहले से ही दुखी था की फिर एक जीव विविधता पर अनुच्छेद आ गया | परीक्षार्थी जिन्होंने जीव विविधता को कम समय दिया था उन्हें परीक्षा मे ज्ञान अर्जित करने का मोका दिया गया |

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